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यूनियन बजट 2024: आगामी कृषि बजट क्या कहता है जाने खेतीव्यापार पर

यूनियन बजट 2024: आगामी कृषि बजट क्या कहता है जाने खेतीव्यापार पर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की कृषि संगठनों और कृषि अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक हुई है। इसमें किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कई सुझाव दिए गए हैं। इस बैठक में सीतारमण ने कहा कि किसानों को सशक्त बनाना और उनकी भलाई सुनिश्चित करना देश को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। कृषि संगठनों और कृषि अर्थशास्त्रियों के साथ हुई बैठक में किसानों को मिलने वाली सहायता राशि 6000 हजार रूपये की बढ़ोतरी की मांग की गई है।

यूरिया खाद की सब्सिडी पर सुझाव

इस बजट में टेनेंट किसानों को भी सरकारी योजना का लाभ देने का सुझाव दिया गया है। कृषि जानकारों के मुताबिक यूरिया पर सब्सिडी ज्यादा है, इस कारण से पोटाश को कम करने की जरूरत है। इससे पोटाश और अन्य खाद की खपत बढ़ सकती है। यूरिया की कीमत बढ़ाने का और उसपर सब्सिडी घटाने का सुझाव दिया है।   

किसानों की इनकम बढ़ाने तथा क्रेडिट इनपुट का लाभ 

कृषि अर्थशास्त्रियों ने वित्त मंत्री के साथ बैठक में सुझाव दिया है कि किसानों की इनकम बढ़ाने को लेकर एक जीएसटी काउंसिल जैसी व्यवस्था हो। जिससे किसान जीएसटी क्रेडिट इनपुट का फायदा मिल सके। 2024-25 के बजट में विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के साथ रोजगार सृजन पर भी एक नजर ध्यान दिया जाना चाहिए।

केंद्र सरकार ने 14 फसलों पर बढ़ाया एमएसपी 

19 जून को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में किसानों के कल्याण के लिए एक बेहद अहम फैसला लिया गया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, की इस कैबिनेट बैठक में खरीफ सीजन शुरू होने के साथ ही सरकार 14 फसलों पर MSP को बढ़ाने की मंजूरी दे दी गई है। केन्द्र सरकार ने धान के एमएसपी मूल्य को 117 रूपये बढ़ाकर 2300 रूपये प्रति क्विंटल कर दिया है। इसमें सबसे ज्यादा वृद्धि नाइजरसीड में की गई है जो 983 रूपये प्रति क्विंटल की वृद्धि इसके बाद 632 रूपये प्रति क्विंटल तुअर अरहर की वृद्धि की गई है। सरकार ने 2024-25 खरीफ विपणन सत्र के लिए धान का MSP 5.35 प्रतिशत बढ़ाकर 2,300 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया।

आगामी कृषि बजट से हो सकती हैं ये बड़ी उम्मीदें

कृषि क्षेत्र के जानकारों ने फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने, भारत के लिए एक नई कृषि नीति लागू करने तथा केंद्र-प्रायोजित योजनाओं में मानव संसाधन विकास के लिए वित्तपोषण अनुपात में बढ़ोतरी करने का भी सुझाव दिया।
भारतीय खाद्य एवं कृषि चैंबर (आईसीएफए) के चेयरमैन एम जे खान ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि अनुसंधान एवं विकास में बड़े पैमाने पर निवेश करने पर बल दिया।
कृषि विशेषज्ञों ने निर्यात को बढ़ावा देने, केंद्र बनाने एवं राष्ट्रीय बकरी व भेड़ मिशन शुरू करने के लिए बजट को बढ़ाने का भी सुझाव दिया। 
इस बैठक में सरकार अगले महीने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक बजट पेश करने वाली है।

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