देश में बढती जनसंख्या और पोषण की के कारण खाद्य प्रणालियों पर दबाव बना हुआ है, ऐसे में जनवायु परिवर्तन और खाद्य उत्पादन की चुर्नातियां किसानों की उपज आय और आजीविका पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है। अब बड़ा सवाल यह कि इस 15 करोड़ से अधिक छोटे किसानों वाले देश में इन चुनौतियों का सामना कैसे करें, इसका एकमात्र उत्तर रिजनरेटिव फार्मिंग है।
10 सितंबर 2024 को एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था बायर ने अग्रणीय प्राइवेट कृषि संस्था के अनुसार फारवर्ड फार्मिंग की शुरूआत की गई। इसके तहत देश का पहला व दुनिया का 29 वां फारवर्डफार्म लान्च किया गया। यह तकनीकि दुनियाभर में आत्मनिर्भर किसानों के साथ साझेदारी करता है। वहीं सक्रिय प्रबंधन और किसानों को सफल व्यवसाय चलाने में सक्षम बना रही है। फारवर्डफार्म अपनी फसलों, खेती योग्य भूमि और तकनीक के मामले में अग्रणी है। हरियाणा के पानीपत केन्द्र में 18 हेक्टेयर में फैला फारवर्डफार्म जहां फल, सब्जियां, गेहूं और स्वीट कार्न उगाई जाती है। इसमें एक पालीहाउस नर्सरी, सौर पैनल, ड्रिप संचाई, वर्मी-कंपोस्ट, आईओटी मौसम स्टेशन जैसे डिजिटल उपकरण और कई तरह की अन्य सुविधाएं हैं जो रिजनरेटिव में सहायता करती हैं।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने रिजनरेटिव फारवर्डफार्मिंग को स्थापित करने के लिये बधाई दी गई। आईसीएआर के अतिरिक्त महानिदेषक डा. बर्मन ने कहा कि आईसीएआर ने जलवायु प्रतिरोधी प्रौद्योगिकियां विकसित करने के लिये संगठनों के साथ पहले ही एक समझौते के साथ हस्ताक्षर किये हैं। भारत ने फारवर्डफार्मिंग के तहत किसानों को कृषि संबंधी उचित समाधान, आधुनिक उपकरण और प्रबंधन के उपाय बताए जायेंगे। रिजनरेटिव फारवर्डफार्मिंग पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना उत्पादकता को बढ़ावा देना, गुणवत्ता और उपज में सुधार करना है। भारत में यह तकनीकि कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और समुद्ध बनाने के लिये लगातार प्रयास कर रहा है। रिजनरेटिव फारवर्डफार्मिंग जल संरक्षण, मृदा प्रबंधन के साथ किसानों के लिये डिजिटल उपकरणों की पहुंच और समझ को भी आसान बनाता है।
आईसीएआर के डा. पडारिया के साथ सहमति जताते हुए क्राप साइंस डिवीजन में हेड आफ सस्टेनेबिलिटी व स्ट्रैटेजिक इनिशिएटिव्स, नताशा सैटास ने बताया कि किसानों की स्थिति में सुधार करने से फसल प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। यह न केवल डिजिटल उपकरणों को विकसित करके, बल्कि किसानों की तकनीकी जानकारी का बढ़ाने से होगी। फारवर्डफार्म पारंपरिक तरीकों, आधुनिक समाधानों के बीच दूरी मिटाने और पर्यावरण को अनुकूल रखने में मदद करता है। इसके अलावा किसानों के जीवनयापन पर विभिन्न प्रकार की सब्जियों, फलों, अनाज आदि के विकास के माध्यम से पडने वाले प्रभाव को समय में प्रदर्षित करेगा, तथा मिट्टी की सेहत को संरक्षित करने में बढ़ावा देगी। फार्म का उद्येश्य देशभर के छोटे किसानों को पर्यावरण का ध्यान रखते हुए अधिक उत्पादन के लिये सही ज्ञान और उपकरण उपलब्ध कराना है।