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Turmeric Leaves Pillow in Hindi: हल्दी की पत्तियों से बना दी तकिया, सागर के युवा किसान की बढ़ी कमाई

Turmeric Leaves Pillow in Hindi: हल्दी की पत्तियों से बना दी तकिया, सागर के युवा किसान की बढ़ी कमाई
हल्दी की पत्तियों से बना दी तकिया

कृषि क्षेत्र में आये दिन नई तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। किसान इन तकनीकों को मदद से बड़े स्तर पर कृषि हो रही है। इसके साथ ही एक और चीज देखने को मिल रही है कि युवाओं का रुझान भी कृषि क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है। ऐसे ही एक युवा किसान हैं आकाश चौरसिया। आकाश मध्य प्रदेश के सागर जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने खेती किसानी में कदम बढ़ाए हैं। खास बात यह है कि आकाश ने हल्दी की पत्तियों से एक तकिया तैयार की है। स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाने वाली ये तकिया बेचकर वह अच्छी कमाई कर रहे हैं।

नींद के लिए लाभकारी Beneficial for Sleep:

युवा किसान आकाश चौरसिया ने हल्दी की खेती के अपशिष्ट से भी किसानों को कमाई का जरिया बताया है। आमतौर पर हल्दी के पौधे के पत्तों को किसान फसल आने के बाद कचरा मानकर या तो जला देते हैं या फेंक देते हैं, लेकिन आकाश चौरसिया ने इन पत्तों के जरिए एक ऐसा तकिया तैयार किया है। जो कई रोगों से मुक्ति दिलाने के साथ नींद और त्वचा से जुडी समस्याओं को कम करता है।

एक एकड़ से निकले पत्तों से 250 तकिया:

आकाश के अनुसार हल्दी के पत्तों से बनी तकिया स्वास्थ्य के लिए काफी गुणकारी है। एक एकड़ हल्दी की खेती से निकलने वाले पत्तों से करीब ढाई सौ तकिये बन जाते हैं। एक तकिया की कीमत 500 रुपए है, जिससे किसान को करीब 50 हजार तक की आमदनी हो जाती है।
 
15 साल से कर रहे खेती: आकाश करीब 15 साल से खेती में नवाचार के जरिए फायदे का धंधा बनाने के प्रयासों में जुटे हैं। उनका कहना है कि किसान की आमदनी में वृद्धि के लिए जो संभव प्रयास हो सकते हैं, वो करना चाहिए। मैं पिछले 15 सालों से खेती कर रहा हूं और देख रहा हूं कि अगर परम्परागत गेहूं और चना की खेती करते रहेंगे, तो कोई फायदा नहीं है। जब खेती में फायदा नजर नहीं आएगा, तो नौजवान भी खेती की तरफ आकर्षित नहीं होंगे। इसलिए मेरी कोशिश है कि कैसे खेती को फायदे का धंधा बनाया जाए और खेती के उत्पाद की एक-एक चीज, यहां तक का कचरे का उपयोग कर कैसे पैसे कमा सकते हैं।

कोरोना के दौर में आया विचार: आकाश चौरसिया ने कहा कि कोराना महामारी ने भयंकर तबाही मचाई और हमारे अपने लोगों को भी छीन लिया, लेकिन कोरोना ने बहुत कुछ सिखाया भी है, कि कैसे खेती के उत्पादों का उपयोग करना चाहिए। कोरोना के समय पर आयुर्वेद की तरफ लोगों का रूझान काफी बढ़ा था और काढ़ा बनाने के लिए लोग एंटीबायोटिक के रूप में हल्दी का उपयोग कर रहे थे, जिसके कारण काफी मांग बढ़ गयी थी, तो मैनें सोचा कि हल्दी की खेती के साथ-साथ इसके तमाम उत्पादों से कमाई के प्रयास किए जाएं। आकाश चौरसिया कहते हैं कि मेरे दिमाग में आया कि हल्दी के पौधे की जड़ से लेकर तना और पत्तों में कोई ना कोई गुण होता है। तब विचार आया कि हल्दी के किसी भी उत्पाद को नष्ट किए बिना, क्या-क्या तैयार किया जा सकता है। मैंने जानकारी जुटाई तो हल्दी के पौधे के पत्तों के गुण के बारे में पता चला कि हल्दी के पत्तों में खुशबुदार तेल होता है। इंसानों के लिए काफी फायदेमंद है।

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