• होम
  • Onion Mandi Bhav Today: मध्य प्रदेश में प्याज ने फिर निकाले...

Onion Mandi Bhav Today: मध्य प्रदेश में प्याज ने फिर निकाले आंसू ,कहीं बढ़ोतरी तो कही गिरावट, जानिए पूरी जानकारी

Onion Mandi Bhav Today: मध्य प्रदेश में प्याज ने फिर निकाले आंसू ,कहीं बढ़ोतरी तो कही गिरावट, जानिए पूरी जानकारी
मध्य प्रदेश में प्याज के दामों का उतार-चढ़ाव जारी

प्याज के दामों में उछाल का कारण: मध्य प्रदेश में प्याज के दामों में अचानक बढ़ोतरी और गिरावट ने एक बार फिर किसानों और ग्राहकों दोनों को मुश्किल में डाल दिया है। क्या यह मौसम की मार है, या फिर व्यापारियों की चाल? आइए, इस पर एक नज़र डालते हैं।

प्याज की कीमत में भारी उछाल:

मध्य प्रदेश की विभिन्न मंडियों में प्याज के दामों में अचानक उछाल देखा गया है। नीचे दिए गए आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि किस मंडी में कितनी बढ़ोतरी हुई है।

मंडी  का नाम   वैरायटी 21 जून को प्याज के मूल्य 28 जून को प्याज के मूल्य कीमतों में उछाल
बड़नगर प्याज 600 2712 2112
उज्जैन प्याज 2000 2811 811
बदनावर प्याज 1500 2300 800
मंदसौर प्याज 2000 2660 660
शुजालपुर लाल 2300 2751 451
साजापुर मध्यम 2434 2518 84

 

प्याज की कीमत में भारी गिरावट:

वहीं, कुछ मंडियों में प्याज के दामों में गिरावट भी देखी गई है। आइए देखें कि किन मंडियों में कीमतों में गिरावट आई है।

मंडी  का नाम   वैरायटी 21 जून को प्याज के मूल्य 28 जून को प्याज के मूल्य कीमतों में गिरावट 
इंदौर प्याज 2791 2493 298
नरसिंहगढ़ प्याज 2600 2390 210
सैलाना मध्यम 2600 2400 200
रतलाम प्याज 2800 2666 134

 

व्यापारियों की रणनीति: प्याज के दामों में बढ़ोतरी और गिरावट का एक बड़ा कारण व्यापारियों की रणनीति भी है। व्यापारी कभी-कभी कीमतों को नियंत्रित करने के लिए प्याज की सप्लाई को सीमित कर देते हैं। जब बाजार में प्याज की कमी होती है, तो कीमतें बढ़ जाती हैं और जब सप्लाई अधिक होती है, तो कीमतें गिर जाती हैं।

भंडारण की समस्या: मध्य प्रदेश में प्याज के भंडारण की पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण भी कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है। सही भंडारण की व्यवस्था न होने पर प्याज जल्दी खराब हो जाती है, जिससे किसान मजबूरन उन्हें कम कीमत पर बेच देते हैं। इससे मंडियों में प्याज की कीमतों में गिरावट आती है।

निष्कर्ष: मध्य प्रदेश में प्याज की कीमतों में उतार-चढ़ाव कई कारणों से होता है, जिसमें मौसम, व्यापारियों की रणनीति और भंडारण की समस्या प्रमुख हैं। इन कारणों को ध्यान में रखते हुए, किसानों और ग्राहकों दोनों को इस स्थिति से निपटने के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है। सरकार को भी प्याज की खेती और भंडारण के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने पर ध्यान देना चाहिए, ताकि कीमतों में स्थिरता बनी रहे और किसान व ग्राहकों को राहत मिल सके।

khetivyapar.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण जानकारी WhatsApp चैनल से जुड़ें