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Bharat Brand in Hindi: अब ‘भारत ब्रांड’ के मिलेंगे सभी उर्वरक (Fertilizer), किसान जानें अपने फायदे की बात

Bharat Brand in Hindi: अब ‘भारत ब्रांड’ के मिलेंगे सभी उर्वरक (Fertilizer), किसान जानें अपने फायदे की बात
Bharat Brand in Hindi: अब ‘भारत ब्रांड’ के मिलेंगे सभी उर्वरक (Fertilizer), किसान जानें अपने फायदे की बात

नई दिल्‍ली देश में अब सभी उर्वरक ‘भारत ब्रांड’ के मिलेंगे. दरअसल, पीएम मोदी उर्वरक क्षेत्र में एक राष्‍ट्र एक उर्वरक (ONOF) नामक सबसे बड़ी पहल का कल शुभारंभ करेंगे। दिल्‍ली के पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई)में कल यानि 17 अक्‍टूबर से आयोजित होने जा रहे दो दिवसीय पीएम एग्री-स्टार्टअप कॉन्क्लेव और किसान सम्मान सम्मेलन में प्रधानमंत्री भारत यूरिया बैग भी लॉन्च करेंगे।

बता दें कि उर्वरक कंपनियों के लिए भारत सरकार ब्रांड 'भारत' के तहत उनकी वस्‍तुओं का विपणन करना अनिवार्य कर रही है, ताकि देश भर में उर्वरक ब्रांडों का मानकीकरण किया जा सके, भले ही कोई भी कंपनी इसे बनाती हो. यह “भारत यूरिया, भारत डीएपी, भारत एमओपी, और भारत एनपीके हो सकता है। सभी उर्वरकों के लिए एकल ब्रांड ‘भारत’ के विकास से उर्वरकों की बेतरतीब आवाजाही कम हो जाएगी, जो सबसे अधिक ट्रांसपोर्ट  सब्सिडी का कारण है। एक राष्‍ट्र एक उर्वरक यानि One Nation One Fertilizer की पहल के साथ ही अब सब्सिडी रेट पर मिलने वाले यूरिया और DAP सिंगल ब्रांड 'भारत' के नाम से देशभर में बेचे जाएंगे. इस फैसले से जहां देशभर के करोड़ों किसानों को बहुत मदद मिलेगी, वहीं खेती के लिए यूरिया और डीएपी की कमी भी नहीं होगी।  प्रोडक्‍ट के दो तिहाई हिस्से पर केवल भारत ब्रांड लिखा होगा

उर्वरक कंपनियां बोरी के एक-तिहाई हिस्से पर अपना नाम, ब्रांड, लोगो और अन्य जरूरी सूचनाएं दे सकेंगी। लेकिन उर्वरक की बोरी के दो-तिहाई हिस्से पर भारत ब्रांड (Bharat) और PMBJP का लोगो लगाना होगा। भले ही यह व्यवस्था अक्टूबर से शुरू हो जाएगी, लेकिन उर्वरक कंपनियों को अपना मौजूदा स्टॉक बेचने के लिए दिसंबर के अंत तक का समय दिया गया है। वन नेशन, वन फर्टिलाइजर से किसानों को तेजी से खाद की डिलीवरी संभव हो सकेगी और साथ ही सब्सिडी पर होने वाले खर्च में भी बचत होगी।  फिलहाल कंपनियां अलग-अलग नाम से ये उर्वरक बेचती हैं, लेकिन इन्हें एक से दूसरे राज्य में भेजने पर न सिर्फ ढुलाई लागत बढ़ती है, बल्कि किसानों को समय पर उपलब्ध कराने में भी समस्या आती है। इसी परेशानी को दूर करने के लिए अब एक ब्रांड के तहत सब्सिडी वाली उर्वरक बनाई जाएगी।

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