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भारतीय कृषि को डिजिटल बनाने के लिए 2817 करोड़ रुपये का मिशन शुरू किया गया, जानिए विस्तार से खेतीव्यापार पर

भारतीय कृषि को डिजिटल बनाने के लिए 2817 करोड़ रुपये का मिशन शुरू किया गया, जानिए विस्तार से खेतीव्यापार पर
डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन की मुख्य विशेषताएं

नई दिल्ली - कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2817 करोड़ रुपये के कुल बजट वाले डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन को मंजूरी दे दी है। इस मिशन में 1940 करोड़ रुपये की केंद्र सरकार की हिस्सेदारी शामिल है और इसका उद्देश्य भारतीय कृषि को बदलने के लिए विभिन्न डिजिटल पहलों को समर्थन देना है।

डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन को कृषि में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा (DPI) विकसित करने, डिजिटल जनरल क्रॉप एस्टिमेशन सर्वे (DGCES) को लागू करने और केंद्रीय और राज्य सरकारों के साथ-साथ शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों द्वारा अन्य आईटी आधारित पहलों को आगे बढ़ाने के लिए एक व्यापक योजना के रूप में देखा जा रहा है।

पिछले कुछ वर्षों में भारत में डिजिटल क्रांति ने वित्त, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और खुदरा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में शासन और सेवा वितरण में महत्वपूर्ण सुधार किया है। इन डिजिटल पहलों की सफलता ने भारत को नागरिक-केंद्रित डिजिटल समाधानों में वैश्विक अग्रणी के रूप में स्थापित किया है। अब सरकार इस सफलता को कृषि क्षेत्र में भी दोहराने की योजना बना रही है।

डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन की मुख्य विशेषताएं Digital Agriculture Mission:

  1. एग्रीस्टैक: एक किसान-केंद्रित डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा जो किसानों को सेवाओं और योजनाओं की डिलीवरी को अधिक सुगम और तेज बनाएगा। इसमें भूमि रिकॉर्ड, पशुधन स्वामित्व और अन्य प्रासंगिक डेटा से जुड़े एक अद्वितीय किसान आईडी का निर्माण शामिल है, जिससे किसानों को सरकारी लाभ और सेवाओं तक पहुंचना आसान होगा।
  2. कृषि निर्णय सहायता प्रणाली (DSS): एक भौगोलिक प्रणाली जो कृषि में निर्णय लेने में मदद करने के लिए फसलों, मिट्टी, मौसम, और जल संसाधनों पर जानकारी को एकीकृत करेगी।
  3. मृदा प्रोफ़ाइल मानचित्रण: 1:10,000 के पैमाने पर विस्तृत मृदा मानचित्रण लगभग 142 मिलियन हेक्टेयर कृषि भूमि को कवर करेगा, जिससे बेहतर मृदा प्रबंधन प्रथाओं में मदद मिलेगी।
  4. डिजिटल जनरल क्रॉप एस्टिमेशन सर्वे (DGCES): यह सर्वे वैज्ञानिक रूप से डिज़ाइन किए गए फसल-कटाई प्रयोगों के आधार पर उपज का अनुमान प्रदान करेगा, जिससे कृषि उत्पादन पूर्वानुमान की सटीकता में सुधार होगा।

प्रभाव और कार्यान्वयन Impact and implementation:

डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के तहत कृषि क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। उदाहरण के लिए, डिजिटल फसल सर्वेक्षण और दूरस्थ संवेदन के लिए डेटा संग्रह में लगभग 2.5 लाख प्रशिक्षित स्थानीय युवाओं और कृषि सहायकों को रोजगार मिलने की संभावना है।
मिशन के घटकों को जमीनी स्तर पर लागू किया जाएगा, और मुख्य लाभार्थी किसान होंगे। मिशन का उद्देश्य किसानों, कृषि भूमि और फसलों पर भरोसेमंद डेटा का लाभ उठाकर और डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और दूरस्थ संवेदन जैसी आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके कृषि क्षेत्र में सेवा वितरण तंत्र को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाना है।
किसानों को सरकारी योजनाओं, फसल ऋण, व्यक्तिगत सलाह और वास्तविक समय में सेवाओं तक आसान पहुंच का लाभ मिलेगा, जिससे कागजी कार्यवाही की जटिलता और कार्यालयों में बार-बार जाने की आवश्यकता कम हो जाएगी। डेटा-आधारित दृष्टिकोण से सरकारी एजेंसियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) आधारित खरीद, फसल बीमा और क्रेडिट लिंक्ड ऋण जैसी योजनाओं की दक्षता और पारदर्शिता में सुधार करने में मदद मिलेगी।

विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण के अनुरूप, डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन भारत के कृषि परिदृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि किसानों को समय पर और सटीक मार्गदर्शन और सेवाएं मिलें।
 

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