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भारत सरकार द्वारा पिछले दस वर्षों में दिखे महत्वपूर्ण सकारात्मक परिवर्तन, देश को सशक्त बनाने में आई तेजी

भारत सरकार द्वारा पिछले दस वर्षों में दिखे महत्वपूर्ण सकारात्मक परिवर्तन, देश को सशक्त बनाने में आई तेजी
सरकार द्वारा इन योजनाओं को मिला लाभ

सरकार ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी गतिशील नेतृत्व में 2014 में कार्यभार संभाला, तब देश विशाल चुनौतियों का सामना कर रहा था। सबका साथ, सबका विकास के मंत्र के साथ सरकार ने उन चुनौतियों को सही तरीके से पार किया। पिछले दस वर्षों में विकास कार्यक्रमों ने सबके लिए आवास, हर घर जल, सबके लिए बिजली, सबके लिए खाना पकाने की गैस, सबके लिए बैंक खाते और वित्तीय सेवाओं के माध्यम से प्रत्येक घर और व्यक्ति को लाभ पहुंचाया है। 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त राशन के माध्यम से भोजन की चिंताओं को समाप्त कर दिया गया है। अन्नदाता के उत्पाद की न्यूनतम समर्थन मूल्य को समय-समय पर उचित रूप से बढ़ाया है। सरकार 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने के उपलक्ष पर काम कर रही है।

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पिछले 10 वर्षों में ‘सबका साथ’ के साथ, सरकार ने 25 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से मुक्ति दिलाने में सहायता की है। लगभग एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनने में मदद की है। नैनो यूरिया को सफलतापूर्वक अपनाने के बाद, सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों में विभिन्न फसलों पर नैनो डीएपी का अनुप्रयोग बढ़ाया गया। सरकार के प्रयास अब ऐसे सशक्त लोगों की ऊर्जा और जुनून के साथ संगठित हो रहे हैं जो उन्हें वास्तव में गरीबी से ऊपर उठाने में मदद कर रहे हैं।

सरकार द्वारा इन योजनाओं को मिला लाभ:

सरकार द्वारा पीएम-जन धन खातों का उपयोग कर 34 लाख करोड़ रुपये की डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) ने सरकार के लिए 2.7 लाख करोड़ रुपये की बचत की है। पीएम-स्वनिधि योजना के तहत सरकार द्वारा 78 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को क्रेडिट सहायता प्रदान की है। इनमें से 2.3 लाख ने तीसरी बार क्रेडिट प्राप्त किया है। पीएम-जनमान योजना विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों तक पहुंचती है, जो अब तक विकास के दायरे से बाहर रहे हैं। पीएम-विश्वकर्मा योजना 18 ट्रेडों में लगे कारीगरों और शिल्पकारों को पूर्ण समर्थन प्रदान करती है। 

हर साल पीएम-किसान सम्मान योजना के तहत 11.8 करोड़ किसानों, जिनमें सीमांत और छोटे किसान शामिल हैं, को सीधी वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। पीएम फसल बीमा योजना के तहत 4 करोड़ किसानों को फसल बीमा दिया जाता है। इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट ने 1361 मंडियों को एकीकृत किया है, और 3 लाख करोड़ रुपये के व्यापारिक मात्रा के साथ 1.8 करोड़ किसानों को सेवाएं प्रदान कर रही है। पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं, और समग्र और अच्छे व्यक्तियों का पोषण कर रहे हैं।

अन्य योजनाओं के तहत दिया गया रोजगार व सरकार द्वारा सहायता राशि:

  • पीएम मुद्रा योजना: पीएम मुद्रा योजना ने युवाओं की उद्यमशील आकांक्षाओं के लिए 43 करोड़ ऋणों को स्वीकृत किया है, जो कुल ` 22.5 लाख करोड़ रुपये है। इसके अलावा, फंड ऑफ फंड्स, स्टार्ट अप इंडिया, और स्टार्ट अप क्रेडिट गारंटी योजनाएं हमारे युवाओं की सहायता कर रही हैं। 
  • नारी शक्ति का सशक्तिकरण: इसके तहत महिलाओं को उद्यमिता, जीवन की आसानी और सम्मान के माध्यम से सशक्त बनाने में तेजी आई है। साथ ही 30 करोड़ मुद्रा योजना के ऋण महिला उद्यमियों को लाभ दिया गया है। 
  • प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) : कोविड के कारण आई चुनौतियों के बावजूद, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का कार्यान्वयन जारी किया गया। आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 70 प्रतिशत से अधिक घरों को महिलाओं के एकल या संयुक्त मालिक के रूप में देने से उनकी गरिमा में वृद्धि हुई है।
  • छत सौरकरण और मुफ्त बिजली : छत सौरकरण के माध्यम से, एक करोड़ घरों को हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली प्राप्त करने में सक्षम बनाया जाएगा। 
  • आयुष्मान भारत योजना : आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य देखभाल कवरेज को सभी आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों तक बढ़ाया जाएगा। कृषि क्षेत्र में मूल्य संवर्धन और किसानों की आय बढ़ाने के प्रयासों को और तेज किया जाएगा। प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना से 38 लाख किसानों को लाभ हुआ है और 10 लाख रोजगार उत्पन्न हुए हैं। 
  • डेयरी विकास : डेयरी किसानों का समर्थन करने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है, लेकिन दुधारू पशुओं की उत्पादकता कम है। कार्यक्रम को राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय पशुधन मिशन और डेयरी प्रसंस्करण और पशुपालन के लिए बुनियादी ढांचा विकास निधि जैसी मौजूदा योजनाओं की सफलता पर बनाया जाएगा।
  • मत्स्य संपदा : मछुआरों की सहायता के लिये सरकार ने एक अलग मत्स्य विभाग की स्थापना की। इससे अंतर्देशीय और जलीय कृषि उत्पादन दोनों में वृद्धि हुई है।
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