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इस राज्य के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, घोषणा हुई- सभी किसानों का कर्ज माफ कर देंगे

इस राज्य  के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, घोषणा हुई- सभी किसानों का कर्ज माफ कर देंगे
इस राज्य के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, घोषणा हुई- सभी किसानों का कर्ज माफ कर देंगे

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा की कि अगर आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई और वह राज्य की सत्ता में दोबारा आती है तो किसानों का कर्ज माफ कर देगी। कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले किसानों से इसी तरह का वादा किया था। माना जाता है कि इससे पार्टी को भारी जीत मिली थी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 15 साल के बाद राज्य की सत्ता से बेदखल कर दिया था।

बघेल सरकार ने पहले कहा था कि उसने 2018 का वादा पूरा किया और राज्य के 18.82 लाख किसानों के 9,270 करोड़ रुपये के कृषि ऋण को माफ कर दिए हैं। राज्य की 90 विधानसभा सीटों के लिए सात और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा। राज्य के सक्ती विधानसभा क्षेत्र में एक सभा को संबोधित करते हुए बघेल ने लोगों से कांग्रेस को फिर से चुनने का आग्रह किया और कहा कि सत्ता में आने के बाद पार्टी किसानों का ऋण माफ कर देगी।

उन्होंने कहा, ''हमने पहले ही घोषणा की है कि किसानों से 20 क्विंटल (प्रति एकड़) धान खरीदेंगे। अभी बहुत सी गारंटी देनी है। मैं सक्ती में आया हूं यहां शक्ति के उपासक बैठे हैं। सक्ती में किसान को शक्तिमान बनाना है। मैं मंच के माध्यम से घोषणा कर रहा हूं जैसे पिछले समय किसानों का ऋण माफ किया गया था, फिर से सरकार बनाओ किसानों का ऋण माफ होगा।''

बघेल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि वह (भाजपा) गलती से सत्ता में आ गई, तो न तो प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदा जाएगा, न ही स्वामी आत्मानंद स्कूल संचालित किए जाएंगे। बाद में रायपुर में संवाददाताओं से बात करते हुए बघेल ने ऋण माफी की घोषणा को सही ठहराया और कहा कि जब किसान सशक्त होते हैं तो देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है।

राज्य में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को पहले से ही इनपुट सब्सिडी मिलने के बाद ऋण माफी की आवश्यकता के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ''जब किसान सशक्त होंगे, तो देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। पिछले पांच वर्षों में हमने देखा कि छत्तीसगढ़ में व्यापार में वृद्धि हुई और आर्थिक मंदी का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। किसानों के खाते में जो पैसा गया वह बाजार तक पहुंच गया, लेकिन बड़े उद्योगपतियों को पैसा देंगे तब वह बाजार में नहीं आता।''

यह पूछे जाने पर कि क्या वह ऋण माफी के वादे को 'ब्रह्मास्त्र' के रूप में देख रहे हैं, उन्होंने कहा, ''नहीं, हम हिंसा में विश्वास नहीं करते हैं। यदि ब्रह्मास्त्र छोड़ा जाता है, तो यह किसी की जान ले लेता है और हम हिंसा में विश्वास नहीं करते हैं। हम खुशियां बांटने में विश्वास रखते हैं। आप 36.50 लाख किसानों और उनके परिवारों के चेहरों पर (कर्ज माफी के वादे के बाद) खुशी देख सकते हैं।

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