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मोटे अनाज की खेती करने पर सरकार देगी किसानों को अनुदान राशि, जल्द करें आवेदन

मोटे अनाज की खेती करने पर सरकार देगी किसानों को अनुदान राशि, जल्द करें आवेदन
मोटे अनाज की खेती पर अनुदान

झारखंड सरकार मिलेटस की खेती के लिए किसानों को अनुदान के के रूप में प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। मोटे अनाज की खेती पर प्रोत्साहन राशि का लाभ उन किसानों को दिया जायेगा जो कम से कम एक एकड़ और अधिकतम पांच एकड़ में मोटे अनाज की खेती करना होगा।

मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों और इसे खाने वाले लोंगों दोनों को ही फायदा होता है। इसकी खेती किसान विपरीत मौसम में भी कर सकते हैं इसमें नुकसान नहीं होता है और पैदावार भी अधिक होती है जिससे किसान को फायदा होता है। कई राज्यों में मोटे अनाज की खेती बडे पैमाने पर की जाती  है। किसानों को इसकी खेती करने के लिए राज्य सरकार कई योजनाएं भी चला रही हैं। झारखंड में भी मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

मोटे अनाज की खेती के लिये कितनी मिलेगी प्रोत्साहन राशि:

झारखंड सरकार मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए किसानों को प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। किसानों को प्रति एकड़ 3000 हजार रुपये की राशि दी जाएगी। इस तरह से अधिकतम पांच एकड़ के लिए किसानों को 15 हजार रुपये दिए जाएंगे। कृषि विभाग ने वर्ष 2024-25 के लिए राज्य में मोटे अनाज की खेती के लिए अनुदान राशि देने का फैसला किया गया है। मिलेट उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ मिलेट किसानों और मिलेट  बीज बैंक को नकद पुरस्कार का प्रावधान है।

किसान ऐसे उठा सकते हैं लाभ:

झारखंड के स्थायी निवासी किसान ही इसका लाभ ले सकते हैं। अनुदान रैयत और बटाईदार दोनों तरह के किसानों के लिए देय होगा। न्यूनतम 10 डिसमिल से अधिकतम 5 एकड़ जमीन में मिलेट की खेती करने वाले किसानों को मोटे अनाज की खेती पर प्रोत्साहन राशि का लाभ दिया जायेगा। मिलेट फसलों जैसे रागी, ज्वार और बाजार की खेती की निर्धारित की गई कुल लागत का 30 फीसदी अनुदान या 3,000 रुपये प्रति एकड़ देय होगा। इस योजना को राज्य के सभी 24 जिलों में लागू किया गया है।

30 अगस्त से पहले करें आवेदन:

झारखंड मिलेट मिशन राज्य में पांच सालों के लिए चलाया जा रहा है। वर्ष 2023-24 से लेकर वर्ष 2027-28 तक किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा। राज्य सरकार इस योजना को आगे भी बढ़ाया जाएगा। इन पांच सालों के दौरान पांच लाख हेक्टेयर जमीन में मोटे अनाज की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है। जो किसान मोटे अनाज की खेती करके लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें 30 अगस्त से पहले जन सुविधा केंद्र यानी कि CSC में जाकर आवेदन करना होगा। किसानों के पास वैध आधार नंबर, मोबाइल नंबर और बैंक पासबुक होना अनिवार्य है।

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