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Litchi Cultivation: किसानों के लिए खुशखबरी, लीची की खेती पर 50,000 रुपये की सब्सिडी, जल्दी करें आवेदन

Litchi Cultivation: किसानों के लिए खुशखबरी, लीची की खेती पर 50,000 रुपये की सब्सिडी, जल्दी करें आवेदन
लिची की खेती पर 50,000 रुपये सब्सिडी

लीची का वैज्ञानिक नाम' लिची चिनेंसिस' है। यह एक ट्रॉपिकल फल है जो अपने मीठे और रसीले स्वाद के लिए जाना जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए सरकारें क्या कदम उठा रही हैं? बिहार सरकार विशेष रूप से लीची की खेती को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है। आइए इस लेख में विस्तार से जानें कि यह योजना कैसे काम करती है और किसानों के लिए यह कैसे लाभकारी है। 

लीची अवयवों हेतु रकवा:

लीची की खेती के लिए न्यूनतम 0.25 एकड़(0.1 हेक्टेयर) और अधिकतम 10 एकड़( 4 हेक्टेयर) जमीन वाले किसानो को अनुदान दिया जायेगा।  योजना किसानों को प्रोत्साहित करती है कि वे अपनी जमीन का सही उपयोग करें और अधिक से अधिक लीची का उत्पादन करें। 

बिहार के इन जिलो को लाभ दिया जाएगा:

बिहार राज्य के पाँच जिले- भागलपुर, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण, समस्तीपुर एवं वैशाली लीची की खेती के प्रमुख क्षेत्र हैं। यहाँ की मिट्टी और जलवायु लीची की खेती के लिए अनुकूल मानी जाती है।  

गुणवत्ता युक्त पौधे की उपलब्धता: वार्षिक कार्ययोजना के अंतर्गत फलों के क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम में गुणवत्ता युक्त पौधे (Quality Planting Materials) की उपलब्धता एक महत्वपूर्ण पहलू है। इसे सुनिश्चित करने के लिए विभागीय नर्सरी, कृषि विश्वविद्यालय अधीनस्थ नर्सरी, एनएचबी (NHB) मान्यता प्राप्त नर्सरी, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, देसरी, वैशाली, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र, मुसहरी, मुजफ्फरपुर और (Competitive Bidding) से चयनित एजेंसियों के माध्यम से सुनिश्चित की जायेगी।  इससे किसानों को सही और स्वस्थ पौधे मिलते हैं जिससे उत्पादन में वृद्धि होती है।  

लीची की खेती करने वाले किसानों के लिए अनुदान की राशि

इस योजना के तहत प्रति हेक्टेयर लीची की खेती के लिए अनुदान की राशि प्रदान की जाती है । पहले वर्ष में 30,000 रुपये, दूसरे वर्ष में 10,000 रुपये और तीसरे वर्ष में 10,000 रुपये का अनुदान दिया जाता है । यह अनुदान किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करता है ताकि वे लीची की खेती में निवेश कर सकें और अपने उत्पादकता को बढ़ा सकें।  

लाभार्थियों का चयन: इस योजना का लाभ केवल रैयत कृषक( जमीन मालिक किसान) ही उठा सकते हैं। लाभार्थियों का चयन सामान्य श्रेणी में 78.56 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए 20 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के लिए 1.44 प्रतिशत किया जाता है। इससे सुनिश्चित होता है कि सभी श्रेणियों के किसानों को इस योजना का लाभ मिल सके।   

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महिलाओं की भागीदारी: इस योजना में प्रत्येक श्रेणी में 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। यह पहल महिलाओं को सशक्त बनाने और कृषि क्षेत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से की गई है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेग।  

लीची की खेती पर सब्सिडी के लिए आवश्यक दस्तावेज

  1. आधार कार्ड 
  2. खेती की जमीन के कागजात 
  3. मोबाइल नंबर 
  4. बैंक खाता विवरण 

आवेदन करने की सरल प्रक्रिया:

बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई फल से सम्बंधित योजना के तहत, आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं । इसके लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें।

  1. इस योजना में आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट( https//horticulture.bihar.gov.in/) पर जाना होगा। 
  2. वहाँ आपको" Schemes" ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
  3. अब आपके सामने कृषि विभाग द्वारा चलाई जारी कई योजनाओं की लिस्ट दिखाई देगी, आपको इस लिस्ट में से" फल से सम्बंधित योजना" के विकल्प पर क्लिक करना होगा। 
  4. उसके बाद एक नया पेज ओपन होगा" लीची विकास योजना" आवेदन करें उस पर आपको क्लिक कर देना है। 
  5. आपके सामने एक नया पेज ओपन होगा जिसमें की आपको डीबीटी पंजीकरण संख्या दर्ज करना होगा 
  6. इसके बाद, आवेदन फॉर्म भरें और सभी आवश्यक जानकारी को ध्यानपूर्वक दर्ज करें।
  7. आवेदन फॉर्म भरने के बाद, आप आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करें।
  8. आवेदन फॉर्म और दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक जाँच करने के बाद," सबमिट" बटन पर क्लिक करें।
     
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