• होम
  • Vermiwash Benefits in Hindi: किसान वर्मीवाश का इस्तेमाल करके...

Vermiwash Benefits in Hindi: किसान वर्मीवाश का इस्तेमाल करके बढ़ाएं उत्पादन, जानें इसके बारे में सबकुछ

Vermiwash Benefits in Hindi: किसान वर्मीवाश का इस्तेमाल करके बढ़ाएं उत्पादन, जानें इसके बारे में सबकुछ
किसान-वर्मीवाश-का-इस्तेमाल-करके-बढ़ाएं-उत्पादन

किसान बड़े स्तर पर रासायनिक उर्वरकों यानी कि खाद का इस्तेमाल करते हैं. किसानों को यह जानकर अच्छा लगेगा कि वर्मीवाश का इस्तेमाल करके भी फसल का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है. वर्मीवाश एक तरह की खाद ही है और इसका इस्तेमाल हजारों किसान कर रहे है. इसे रासायनिक उर्वरकों के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. इसे केंचुआ खाद भी कहा जाता है. अच्छी बात यह है कि किसान इसे कम लागत में तैयार कर सकते हैं. इसके उपयोग से किसान गुणवत्तायुक्त उत्पादन कर सकते हैं.  

15 फीसदी तक बढ़ता है उत्पादन:

विशेषज्ञों के मुताबिक वर्मीवाश को किसान फसलों और सब्जियों में विभिन्न रोगों और कीटों की रोकथाम के लिए प्राकृतिक रोग रोधक और जैव कीटनाशक के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं. वैज्ञान‍िकों का दावा है क‍ि इसके प्रयोग से 10-15 फीसदी तक उत्पादन बढ़ जाता है. इससे उपज पर किसी तरह का दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ता. साथी किसानों को मुनाफा होता है.

पोषक तत्वों से युक्त है वर्मीवाश:

वर्मीवाश एक ल‍िक्व‍िड जैविक खाद है. यह केंचुओं द्वारा स्रावित हार्मोन, पोषक तत्वों एवं एंजाइमयुक्त होती है. इसमें रोगरोधक गुण और पोषक तत्व घुलनशील रूप में उपस्थित होते हैं और पौधों को आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं. इसमें घुलनशील नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश मुख्य पोषक तत्व होते हैं. इसमें हार्मोन जैसे ऑक्सीजन एवं साइटोकाइनिन, विटामिन, अमीनो अम्ल और विभिन्न एंजाइम जैसे-प्रोटीएज, एमाइलेज, यूरीएज एवं फॉस्फेटेज भी पाए जाते हैं. ऐसे में वैज्ञानिकों के अनुसार यह काफी काम की खाद है.

ये हैं फायदे:

इसके प्रयोग से पौधे की अच्छी वृद्धि होती है. पानी की लागत में कमी आती है और अच्छी खेती होती है. इससे पर्यावरण स्वस्थ रहता है. कम लागत पर भूमि की उर्वराशक्ति में काफी बढ़ोतरी होती है. इसके उपयोग से पौध रक्षक दवाइयां कम लगती हैं, जिससे उत्पादन लागत में कमी.

इस्तेमाल करने का तरीका: वर्मीवाश के इस्तेमाल का तरीका बेहद आसान होता है. एक लीटर वर्मीवॉश में 7-10 लीटर पानी मिलाकर पत्तियों पर शाम के समय छिड़काव करना चाहिए. एक लीटर वर्मीवॉश और एक लीटर गौमूत्र को 10 लीटर पानी में अच्छी तरह मिलाकर इसे रातभर के लिये छोड़ दें. ऐसे 50-60 लीटर वर्मीवॉश का छिड़काव एक हैक्टर क्षेत्र में फसलों में विभिन्न रोगों की रोकथाम के ल‍िए करें. ग्रीष्मकालीन सब्जियों में शीघ्र पुष्पण एवं फलन के लिए पर्णीय छिड़काव करें, जिससे उत्पादन में वृद्धि होती है.
 

khetivyapar.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण जानकारी WhatsApp चैनल से जुड़ें