देश के कई हिस्सों में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में शीतलहर के साथ-साथ पाला भी गिर रहा है। इस बीच ठंड में किसानों को खेती-किसानी करने के लिए भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस समय फसलों में झुलसा रोग लगने की भी आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में इससे फसलों को बचाने के लिए किसानों को काफी तैयार रहने की ज़रूरत होती है। वहीं, पाले के कारण सरसों, आलू, मटर और चने जैसी फसलें खराब होने लगती है। दिसंबर से जनवरी तक पाले के खतरे की वजह से झुलसा रोग की आशंका बनी रहती है। इससे, सबसे ज़्यादा सरसों और आलू की फसल को नुकसान होता है। आइये जानते हैं कि झुलसा रोग से फसल को कैसे बचाया जा सकता है।
ठंड के मौसम में फसलों को झुलसा रोग से काफी नुकसान होता है। वैसे भी इस सीजन में फसलों पर कीट और अन्य रोग लगने का खतरा बना रहता है। दिसंबर से जनवरी के अंत तक होने वाले झुलसा रोग के कारण पत्तियों के किनारे और सिरे झुलसना शुरू हो जाते हैं। इससे पूरी फसल बर्बाद होने लगती है। झुलता रोग से सबसे ज़्यादा खतरा आलू और टमाटर जैसी फसलों को होता है।
इस तरह से बचाएं अपनी फसल: फसलों का झुलसा रोग से बचाव करने के लिए उनपर नीम ऑयल का छिड़काव करने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही कंडे की राख का प्रयोग करना भी फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, सरसों और आलू की फसल में एजाडिरेक्टिन 0.15 प्रतिशत को 400-500 लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे करना चाहिए। इससे झुलसा कीट को कंट्रोल किया जा सकता है। फसलों को झुलसा रोग से बचाने के लिए, केमिकल भी इस्तेमाल कर सकते हैं। डाईमेथोएट 30 प्रतिशत मिथाइल 25 प्रतिशत और क्लोरपाइरीफास 20 प्रतिशत को 750 लीटर पानी में घोल लें और प्रति हेक्टेयर की दर से खेतों में स्प्रे करें।