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Banana Farming: केले की खेती करने वाले किसानों को मिलेगा प्रति हेक्टेयर 62,500 रूपये की सब्सिडी, कैसे करे आवेदन जाने khetivyapar पर

Banana Farming: केले की खेती करने वाले किसानों को मिलेगा प्रति हेक्टेयर 62,500 रूपये की सब्सिडी, कैसे करे आवेदन जाने khetivyapar पर
केले की खेती करने वाले किसानों को मिलेगा प्रति हेक्टेयर 62,500 रूपये की सब्सिडी

केला विकास योजना: केला एक महत्वपूर्ण फसल है, जो किसानों की आय बढ़ाने में सहायक हो सकती है। बिहार सरकार ने 'केला विकास योजना' की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य राज्य के विभिन्न जिलों में केला की खेती को प्रोत्साहन देना है। इस योजना के तहत किसानों को कई प्रकार के लाभ और सब्सिडी दी जाती है, जिससे वे अपनी फसल की पैदावार और गुणवत्ता को सुधार सकें।

केला विकास योजना के तहत शामिल जिले:

योजना के तहत केला का क्षेत्र विस्तार बिहार राज्य के इन 15 जिलों में किया जायेगा। जो इस प्रकार है। 
अरवल,भोजपुर, बक्सर, गोपालगंज, जहानाबाद, कैमूर, लखीसराय,मधेपुरा, नवादा,सारण,शिवहर,सीतामढ़ी,सीवान, सुपौल और शेखपुरा इन जिलों में केला की खेती को प्रोत्साहन देकर किसानों की आय में वृद्धि की जाएगी।

योजना का लाभ उठाने वाले किसान: इस योजना का लाभ न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) तथा अधिकतम 10 एकड़ (4 हेक्टेयर) के लिए दिया जायेगा। इससे छोटे और बड़े दोनों प्रकार के किसान इसका लाभ उठा सकते हैं।

टिश्यू कल्चर केला पौधों की आपूर्ति:

टिश्यू कल्चर केले के पौधों की आपूर्ति के लिए एजेंसी का चयन निविदा प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। इस प्रक्रिया में सबसे कम कीमत वाले टिश्यू कल्चर पौधों का चयन कर योजना को लागू किया जाएगा। इस चयन और प्रक्रिया की जिम्मेदारी बिहार राज्य बागवानी मिशन के मिशन निदेशक के पास होगी। इस कदम से किसानों को उच्च गुणवत्ता के पौधे मिलेंगे, जिससे उनकी फसल की पैदावार और गुणवत्ता में सुधार होगा।

अनुदान राशि और उसका वितरण: इस योजनान्तर्गत प्रति हेक्टेयर केला की खेती के लिए अनुदान की राशि प्रथम वर्ष 46,875 रुपये एवं द्वितीय वर्ष के लिए 15,625 रुपये देय है। यह राशि किसानों को उनकी खेती के खर्चों में सहायता प्रदान करेगी और उन्हें बेहतर परिणाम प्राप्त करने में मदद करेगी।

रैयत और गैर रैयत कृषकों के लिए लाभ: इस योजना का लाभ रैयत कृषक अपने जमीन के कागजात के आधार पर और गैर रैयत कृषक एकरारनामा के आधार पर प्राप्त कर सकते हैं।

लाभुकों का चयन और उनकी श्रेणियाँ: लाभुकों का चयन सामान्य श्रेणी में 78.56 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 20 प्रतिशत एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 1.44 प्रतिशत किया जायेगा एवं प्रत्येक श्रेणी में 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। यह सुनिश्चित करेगा कि योजना का लाभ समाज के सभी वर्गों को मिले।

महिलाओं की भागीदारी: केला विकास योजना में प्रत्येक श्रेणी में 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। इससे महिलाओं को भी कृषि क्षेत्र में प्रोत्साहन मिलेगा और वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकेंगी।

केले की खेती पर सब्सिडी के लिए आवश्यक दस्तावेज:

  1. आधार कार्ड: यह पहचान प्रमाण के रूप में कार्य करता है।
  2. खेती की जमीन के कागजात: यह प्रमाणित करता है कि आप खेती कर रहे हैं।
  3. मोबाइल नंबर
  4. बैंक खाता विवरण: सब्सिडी की राशि आपके बैंक खाते में ही जमा की जाएगी।

आवेदन करने की सरल प्रक्रिया: बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई फल से सम्बंधित योजना के तहत, आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें.

  1. इस योजना में आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट (https://horticulture.bihar.gov.in/) पर जाना होगा। 
  2. वहाँ आपको "Schemes" ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
  3. अब आपके सामने कृषि विभाग द्वारा चलाई जारी कई योजनाओं की सूची दिखाई देगी, आपको इस सूची में से " फल से सम्बंधित योजना" के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
  4. उसके बाद एक नया पेज ओपन होगा " केला विकास योजना " आवेदन करें उस पर आपको क्लिक कर देना है।
  5. आपके सामने एक नया पेज ओपन होगा जिसमें की आपको डीबीटी पंजीकरण संख्या दर्ज करना होगा
  6. इसके बाद, आवेदन फॉर्म भरें और सभी आवश्यक जानकारी को ध्यानपूर्वक दर्ज करें।
  7. आवेदन फॉर्म भरने के बाद, आप आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करें। 
  8. आवेदन फॉर्म और दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक जाँच करने के बाद, "सबमिट" बटन पर क्लिक करें।

सहायतानुदान का भुगतान नियमानुसार DBT के तहत् CFMS द्वारा भुगतान किया जायेगा। इससे प्रक्रिया पारदर्शी और सुचारू होगी और किसानों को उनके अधिकारों का पूरा लाभ मिलेगा।
 

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