• होम
  • सभी राज्यों के किसानों के लिए मौसम विभाग ने जारी की सलाह, ऐस...

सभी राज्यों के किसानों के लिए मौसम विभाग ने जारी की सलाह, ऐसे बचाएं अपनी फसलें

सभी राज्यों के किसानों के लिए मौसम विभाग ने जारी की सलाह, ऐसे बचाएं अपनी फसलें
सभी राज्यों के किसानों के लिए मौसम विभाग ने जारी की सलाह, ऐसे बचाएं अपनी फसलें

पूरा उत्तर भारत इस समय ठंड के आगोश में है। उत्तर भारत के हर राज्य के लगभग हर इलाके में इन दिनों शीतलहर और कोहरा पड़ रहा है। ऐसे में किसानों के लिए ठंड में अपनी फसल बचाने की चुनौती है। इस बीच मौसम विभाग ने भी कई इलाकों में अगले कुछ दिन ठंड बढ़ने और बारिश होने की बात कही है। इसके साथ ही मौसम विभाग ने किसानों के लिए भी सलाह जारी की हैं। अलग अलग राज्यों के हिसाब से जारी इन सलाह की मदद से किसान अपनी फसलों को बचा सकते हैं। मौसम विभाग ने कहा है कि उत्तर भारत में हवा में नमी की मात्रा बढ़ी है जिसका असर खेतों में खड़ी फसलों पर पड़ सकता है। 

मौसम विभाग ने मंगलवार को जारी सलाह में कहा है कि पंजाब, हरियाणा, पूर्वी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम राजस्थान, उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश, बिहार, उपहिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, ओडिशा, असम और मेघालय के कुछ हिस्सों में घना/घना से बहुत घना कोहरा छाने की संभावना है। इसके अलावा मिजोरम और त्रिपुरा में अगले कुछ दिनों के दौरान, कीट रोगों के बढ़ने को देखते हुए खड़ी फसलों की निगरानी करें। अगेती या पछेती झुलसा रोग को देखते हुए आलू, टमाटर और प्याज की फसलों पर अधिक ध्यान दें। अगर कीट रोगों का लक्षण दिखाई देता है तो तुरंत बचाव का उपाय करें।

अलग अलग राज्यों के किसानों के लिए सलाह:

  • राजस्थान में आलू में अगेती झुलसा रोग के नियंत्रण के लिए प्रोपीकोनाज़ोल 0.5 मिली/लीटर पानी या 300 मिली/हेक्टेयर 600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
  • पंजाब में नए रोपे गए आलू में लेट ब्लाइट से बचाव के लिए 7 दिनों के अंतराल पर 250-350 लीटर पानी में 500-700 ग्राम इंडोफिल एम-45 का छिड़काव करें। गंभीर प्रकोप की स्थिति में मेटालैक्सिल 4% और मैंकोजेब 64% का छिड़काव करें।
  • उत्तराखंड में आलू में पछेती झुलसा रोग के नियंत्रण के लिए मैंकोजेब 2.5 ग्राम/लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
  • उत्तर प्रदेश में हवा में नमी अधिक है। इससे आलू और टमाटर में झुलसा रोग का संक्रमण हो सकता है। लक्षण दिखाई देने पर कार्बेन्डाजिम 1.0 ग्राम या डाइथेन-एम-45 2.0 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
  • ओडिशा में टमाटर और आलू में पछेती झुलसा रोग के संक्रमण के लिए मौजूदा मौसम की स्थितियां अनुकूल हैं। रोकथाम के लिए मेटालैक्सिल + मैंकोजेब 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से डालें।
  • अरुणाचल प्रदेश में हवा में नमी की मात्रा अधिक होने या कुछ स्थानों पर भारी ओस आलू में पछेती झुलसा रोग के संक्रमण के लिए मौसम की स्थिति को अनुकूल बना सकती है। इससे बचने के लिए कार्बेन्डाजिम @ 1 ग्राम/लीटर पानी या डाइथेन-एम-45 @ 2 ग्राम/लीटर पानी का छिड़काव करें।
  • मिजोरम में नमी की मात्रा में उतार-चढ़ाव, कम तापमान और कोहरे के कारण, प्याज और लहसुन में ब्लाइट रोग और थ्रिप्स की संभावना है। इससे बचने के लिए लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 5 ईसी @ 6 मिलीलीटर + टेबुकोनज़ोल @ 10 मिलीलीटर को 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
  • बिहार में हवा में नमी की मात्रा अधिक होने के कारण टमाटर और आलू में झुलसा रोग का संक्रमण हो सकता है। इसके नियंत्रण के लिए डायथेनएम-45 @ 2 ग्राम/लीटर पानी का छिड़काव करें।
  • मध्य प्रदेश में, गेहूं में जड़ एफिड और तना छेदक को नियंत्रित करने के लिए थियामेथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% ZC @ 200 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करें।
khetivyapar.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण जानकारी WhatsApp चैनल से जुड़ें