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गेहूं की कटाई के बाद हरी खाद बनाकर मिट्टी को उपजाऊ, फसलों का उत्पादन भी बढ़ेगा और आमदनी भी बढ़ेगी, जानें विस्तार से khetivyapar पर

गेहूं की कटाई के बाद हरी खाद बनाकर मिट्टी को उपजाऊ, फसलों का उत्पादन भी बढ़ेगा और आमदनी भी बढ़ेगी, जानें विस्तार से khetivyapar पर
गेहूं की कटाई के बाद हरी खाद बनाकर मिट्टी को उपजाऊ

किसानों के लिए खुशखबरी! गेहूं की कटाई के बाद खाली खेतों में हरी खाद उगाकर आप मिट्टी को उपजाऊ बना सकते हैं। हरी खाद न केवल मिट्टी की उर्वरता बढ़ाएगी, बल्कि आने वाली खरीफ फसलों के उत्पादन में भी वृद्धि करेगी। गेहूं की कटाई के बाद खाली खेतों में हरी खाद उगाकर मिट्टी को उपजाऊ बनाने के साथ ही आप अपनी आने वाली फसलों का उत्पादन भी बढ़ा सकते हैं। यह एक किफायती और टिकाऊ कृषि पद्धति है, जो किसानों के लिए अनेक लाभकारी है।

हरी खाद कैसे बनाएं How to make Green Manure:

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के प्रभारी डॉ. एन सी त्रिपाठी के अनुसार, हरी खाद बनाने के लिए आप निम्न चरणों का पालन कर सकते हैं:

खेत की तैयारी Field Preparation:

  1. सबसे पहले, खेत में पानी भरकर नमी बनाए रखें।
  2. नमी रहते हुए, डिस्क हैरो से खेत को अच्छी तरह जोतकर भुरभुरा कर लें।
  3. इसके बाद, प्रति एकड़ 20 से 25 किलोग्राम ढैंचा का बीज बोएं।
  4. बीज बोने के बाद, पटेला लगाकर खेत को समतल कर दें।
  5. 15 से 20 दिन बाद खेत में सिंचाई करें।

ढैंचा की बुवाई:

  1. ढैंचा की हरी खाद 40 से 45 दिनों में तैयार हो जाती है।
  2. तैयार होने पर, डिस्क हैरो से ढैंचा को खेत में अच्छी तरह मिलाकर सड़ने दें।
  3. सड़ने के बाद, खेत में फिर से पानी भर दें।

उड़द, मूंग और लोबिया की बुवाई:

  • यदि आप उड़द, मूंग या लोबिया को हरी खाद के रूप में उपयोग करना चाहते हैं, तो प्रति एकड़ 8 से 10 किलोग्राम बीज बोएं।
  • खेत को समतल करने के बाद 20 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें।
  • फसल तैयार होने पर, फलियों को अलग कर लें और बचे हुए पौधों को डिस्क हैरो से मिट्टी में मिलाकर सड़ने दें।

हरी खाद के फायदे:

  1. मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा बढ़ाती है।
  2. मिट्टी की जलधारण क्षमता में सुधार करती है।
  3. फसलों के उत्पादन में वृद्धि करती है।
  4. मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाती है।
  5. नाइट्रोजन की बचत होती है।
  6. किसानों की आय में वृद्धि होती है।
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