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मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास राज्यमंत्री श्री नारायण सिंह पवार ने कहा कि समिति सदस्यों को मत्स्य उत्पादन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए योजनाओं का बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार करना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोग इन योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा कि आजीविका के लिए खेती के साथ-साथ आय के अन्य स्रोत भी होना आवश्यक है, और समिति के लोग 10 महीने तक मत्स्य उत्पादन का कार्य करते हैं।
श्री पवार ने जल संरक्षण के कार्यों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि शासन रोजगार के अवसर प्रदान कर रहा है। समिति के सदस्य मेहनत और लगन से काम करके अपने लक्ष्यों को पूरा कर रहे हैं।
राज्यमंत्री ने यह भी बताया कि शासन द्वारा 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी वर्गों के लोगों के लिए आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं, जिसके माध्यम से 5 लाख तक का नि:शुल्क स्वास्थ्य लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को आयुष्मान कार्ड बनवाने और योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।
श्री पवार ने योजनाओं के क्रियान्वयन में वास्तविक हितग्राहियों तक लाभ पहुंचाने का आश्वासन दिया और समिति के पंजीकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रचार-प्रसार पर जोर दिया। उन्होंने गरीबी बस्तियों में पंपलेट वितरित कर अधिक से अधिक लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाने की बात की और संसाधनों को बढ़ाने की दिशा में कार्य करने की प्रेरणा दी।
मंत्री जी ने बताया कि मत्स्य महासंघ का मुख्य उद्देश्य शासन द्वारा सौंपे गए बड़े और मध्यम जलाशयों में आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर मत्स्य विकास करना है। महासंघ के जलाशयों में कार्यरत मछुआरों और उनके परिवारों की आजीविका को सुरक्षित रखते हुए सामाजिक और आर्थिक उन्नति करना इसका लक्ष्य है। वर्तमान में महासंघ के अधीन 7 बड़े और 21 मध्यम जलाशय हैं, जिनका कुल जलक्षेत्र लगभग 2.31 लाख हेक्टेयर है। 31 मार्च 2024 तक महासंघ के अधीन 222 मत्स्य सहकारी समितियों के 15,200 पंजीकृत सदस्य हैं। वर्ष 2023-24 में जलाशयों में निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले 494.86 लाख मत्स्य बीज संचय किया गया है।
प्रोत्साहन योजना और मछुआ कल्याण के प्रयास: मत्स्य महासंघ द्वारा संचालित प्रोत्साहन योजना के तहत प्रत्येक वित्तीय वर्ष में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली मछुआ सहकारी समितियों और मछुआरों को पुरस्कृत किया जाता है। मछुआ कल्याण सचिव डॉ. कोठारी ने बताया कि प्रदेश में मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। अधिक से अधिक मछुआरों को सहकारी समितियों के दायरे में लाने की दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष प्रदेश में 3 लाख 42 हजार मीट्रिक टन मत्स्योत्पादन का लक्ष्य हासिल किया गया, और आगामी वर्ष में प्रदेश में 3 लाख 90 हजार मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन का लक्ष्य पूरा किया जाएगा।
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