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Chief Minister Farm Security Scheme in Hindi: यूपी के किसानों के लिए अच्‍छी खबर, जल्‍द लागू होगी 'मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना'

Chief Minister Farm Security Scheme in Hindi: यूपी के किसानों के लिए अच्‍छी खबर, जल्‍द लागू होगी 'मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना'
Chief Minister Farm Security Scheme in Hindi: यूपी के किसानों के लिए अच्‍छी खबर, जल्‍द लागू होगी 'मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना'

यूपी के किसानों के लिए अच्‍छी खबर, जल्‍द लागू होगी 'मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना', फसलों का होगा बचाव उत्‍तर प्रदेश के किसानों के लिए यह राहत भरी और अच्‍छी खबर है। राज्‍य में किसानों और उनकी फसलों को पशुओं से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए यूपी सरकार ने योजना तैयार कर ली है, जिसे जल्दी कैबिनेट की मंजूरी भी मिल सकती है। इस योजना का नाम है 'मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना', जिससे किसानों की इस समस्या को दूर करने का पूरा प्रयास होगा।

योजना की उपयोगिता के मद्देनजर ही सरकार ने अब इसे बुंदेलखंड के साथ पूरे प्रदेश में एक साथ लागू करने का निर्णय ले लिया है। योजना के बाबत प्रस्तावित बजट 75 करोड़ से बढ़ाकर 350 करोड़ रुपये कर दिया गया है। सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना किसान के खेत की फसल को पशुओं से बचाने के लिए सोलर फेंसिंग की योजना है। इसके तहत लगाई जाने वाली सोलर फेंसिंग की बाड़ में मात्र 12 बोल्ट का करंट प्रवाहित होगा। इससे सिर्फ पशुओं को झटका लगेगा. कोई क्षति नहीं होगी. हल्के करंट के साथ सायरन की आवाज भी होगी। इससे छुट्टा या जंगली जानवर मसलन नीलगाय, बंदर, सुअर आदि खेत मे खड़ी फसल को क्षति नहीं पहुंचा सकेंगे। इसके लिए सरकार लघु-सीमांत किसानों को प्रति हेक्टेयर लागत 60 फीसद या 1.43 लाख रुपये का अनुदान भी देगी। कृषि विभाग इस योजना का ड्राफ्ट तैयार कर चुका है। शीघ्र ही इसे कैबिनेट में भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद अब इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।

खेत में खड़ी फसल का नुकसान पशु तब अधिक करते हैं जब उनको कुछ खाने को नहीं मिलता। गोचर भूमि इसके लिए जरूरी है। गोचर भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग 11 जुलाई से अभियान चल रहा है। यह अभियान 25 अगस्त तक चलेगा। उल्लेखनीय है कि छुट्टा पशुओं की यह समस्या कमोबेश पूरे प्रदेश में एक जैसी है। विपक्ष समय-समय पर इस समस्या को लेकर तंज कसता रहता है। पार्टी के जनप्रतिनिधियों को भी फील्ड में इस बाबत सुनना पड़ता है। 

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