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भारत में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र महत्वपूर्ण है और इसके विकास के लिए सरकार ने कई पहलुओं में समर्थन प्रदान किया है। इस समर्थन का उदाहारण प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से दिखाया जा सकता है। इसके साथ ही, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव स्कीम (PLISFPI) और अन्य योजनाएं खाद्य उत्पादन को बढ़ावा देने का कारगर माध्यम साबित हो रही हैं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना: इस योजना के माध्यम से सभी भूमि-धारी किसान परिवारों को आय समर्थन प्रदान किया जा रहा है, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रहा है। इसका उदाहारण दुनिया की सबसे बड़ी सीधे लाभ स्थानांतरण योजना होने के लिए है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: यह योजना फसलों को हर किसी प्रकार के जोखिम से बचाने के लिए एक सरल और किफायती बीमा प्रदान करती है। इससे किसानों को प्रे-बोन से पोस्ट-हार्वेस्ट तक सुरक्षा मिलती है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना: इस योजना के अंतर्गत माइक्रो-इरिगेशन सिस्टम के तहत कवर की गई ज़मीन से किसानों को जल पहुंचाने का उद्देश्य है। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के रूप में लॉन्च किए गए कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड ने भी इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दिया है।
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में समर्थन: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को समर्थन देने के लिए सरकार ने PLISFPI की शुरुआत की है, जो क्षमता को बढ़ावा देता है और भारतीय ब्रैंड्स को बढ़ावा प्रदान करता है। यह योजना बाजार में और अधिक रोजगार के अवसर पैदा करती है।
प्रधानमंत्री किसान SAMPADA योजना: इस योजना के माध्यम से फार्म गेट्स से रिटेल आउटलेट्स तक कुशल सप्लाई चेन प्रबंधन का अनुसरण करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिससे कुल रोजगार में वृद्धि हुई है।
प्रधानमंत्री फॉर्मलिसेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रसंस्करण एंटरप्राइजेस (PMFME) योजना: इस योजना का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के असंगठित सेगमेंट में व्यक्तिगत माइक्रो उद्यमियों की प्रतिस्थापना करना है। इससे खाद्य प्रसंस्करण में नए व्यापारों के लिए अवसर पैदा हो रहे हैं।
भविष्य की दिशा: भविष्य में, भारत के कृषि-खाद्य प्रसंस्करण बाजार को और विस्तार से बढ़ावा मिलने की संभावना है। खासकर, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को और अधिक उच्च स्तर पर ले जाने के लिए सरकारी योजनाएं और समर्थन उपलब्ध हैं। इससे नौकरियों में वृद्धि होगी और देश का कृषि सेक्टर और भी सशक्त होगा। समर्थन और योजनाएं हमारे कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को एक नए दिशा में ले जा रही हैं और यह विकास की राह में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल किसानों को उनकी मेहनत का मौज़ूदा मिलेगा, बल्कि देश के खाद्य सुरक्षा और विकास में भी सहायक होगा।
खाद्य प्रसंस्करण और निर्यात को बढ़ावा: भारत खाद्य सेवन के क्षेत्र में एक समाधान स्थान पर है, जिसमें घरेलू मांग का संभावित वार्षिक वृद्धि अगले 15 से 20 वर्षों में 4 प्रतिशत होने की संभावना है। हमारा विश्लेषण सुझाव देता है कि यह वृद्धि कुछ सुधारित हो सकती है (5 से 6 प्रतिशत) उच्च मूल्यवाले खाद्य आइटम्स जैसे कि पशु उत्पाद, फल और सब्जियाँ और प्रसंस्कृत खाद्य (6 से 8 प्रतिशत) क्षेत्र में। इस मांग के अलावा, उपभोक्ताओं और निर्यात बाजारों को साफ और स्वस्थ खाद्य की आवश्यकता होगी।
ब्रांडिंग पर जोर देकर खाद्य प्रसंस्करण को प्रोत्साहित करें - भारत की प्रमुख उपभोक्ता क्षेत्रों जैसे कि वस्त्र और इलेक्ट्रॉनिक्स में ब्रांडेड सामग्रियों के प्रति आसक्ति के कारण और खाद्य की बढ़ती मांग के कारण, ब्रांडेड खाद्य के एक नए सेगमेंट को बनाने का बड़ा संभावना है। इस उद्योग क्षेत्र से प्रोत्साहन, प्रचार-प्रसार और विज्ञापन के माध्यम से मांग उत्पन्न की जा सकती है ताकि दिखाया जा सके कि उपभोक्ता कैसे लाभान्वित हो सकते हैं।
चयनित श्रेणियों में "राष्ट्रीय कृषि और खाद्य निर्यात मिशन" की शुरुआत - सरकार को विचार करना चाहिए कि वह कृषि उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित करने में सक्रिय भूमिका निभा सकती है। वर्तमान में, भारत अन्य उत्पादकों के साथ निर्यात में हारता है क्योंकि वह लागत प्रतिस्पर्धी नहीं है, खाद्य में एक शक्तिशाली "भारतीय" ब्रांड की कमी है, गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों के प्रति कमजोर पालन और अच्छी बुनियादी सूचना योजनाएं हैं।
निजी पूंजी और विश्व-स्तरीय विशेषज्ञता आकर्षित करें— यह सुनिश्चित करेगा कि खाद्य और कृषि मूल्य श्रृंग में सभी हिस्सों में वैश्विक विशेषज्ञता और नवीनतम तकनीकियाँ हों। विशेषकर, वैश्विक खाद्य और कृषि कंपनियाँ अपने अनुभव को समर्थन करने के लिए उत्कृष्ट देश कृषि परिवर्तनों को सक्षम करने में, प्रसंस्कृत, ब्रांडिंग और निर्यात में अपनी विशेषज्ञता प्रदान करने में सक्षम हो सकती हैं।
निष्कर्ष: कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में सरकारी समर्थन का सफल अंत हो रहा है, जिससे भारतीय कृषि और खाद्य उत्पादन में सुधार हो रहा है। सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें से कुछ उदाहरण प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना हैं। इसके अलावा, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भी विभिन्न योजनाएं चल रही हैं, जैसे कि PLISFPI, प्रधानमंत्री किसान SAMPADA योजना, और प्रधानमंत्री फॉर्मलिसेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रसंस्करण एंटरप्राइजेस (PMFME) योजना। इन सभी योजनाओं के माध्यम से किसानों को आर्थिक समर्थन मिल रहा है और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में नए उद्यमियों के लिए अवसर बढ़ा है।