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मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश के क्षेत्रों में बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है। देश के सबसे अधिक गेहूं उत्पादन वाले राज्यों में पिछले हफ्ते से लगातर हो रही बारिश कहीं न कहीं किसान भाइयों के लिए एक बड़ा चिंता का विषय बन गई है। पश्चिमी विक्षोभ/डिस्टर्बेंस के कारण हो रही बारिश से खेतों में लगी गेहूं की फसल ख़राब हो रही है और मध्यप्रदेश के कई किसानो को इससे नुकसान हुआ है।
इसी बीच मध्यप्रदेश सरकार ने किसानो के लिए एक निर्देश जारी किया है, जिसमे जिन किसानो की गेहूं की फसल को बिन मौसम बारिश के कारण नुकसान पंहुचा है, उन्हें उसी रेट पर खरीदा जाये परन्तु उस गेंहू की 30 प्रतिशत तक चमक कम हुई हो। अब ऐसी स्थिति में जिन किसानो की फसलें थोड़ी कम ख़राब हुई है वह अपना गेहूं खरीदी केंद्रों पर लेकर जा सकते है। चमकहीन गेहूं जो 30 फीसदी तक प्रभावित हुए है, उन्हें पूरे मध्य प्रदेश राज्य में बिना किसी मूल्य कटौती के खरीदा जाएगा। गेहूं भंडारण के दौरान मानदंडों के तहत खरीदे हुए गेहूं के स्टॉक की गुणवत्ता में कोई भी गिरावट या कमी होने पर मध्य प्रदेश राज्य सरकार की पूरी जिम्मेदारी होगी। गेहूं के खरीदे गए स्टॉक को प्राथमिकता के आधार पर खत्म किया जाएगा। इस छूट के कारण होने वाले किसी भी वित्तीय या परिचालन से संबंधी नुकसान की जिम्मेदारी स्वयं राज्य सरकार की होगी।
किसानो की माने तो इस साल प्रति एकड़ गेहूं का स्टॉक पिछले साल के मुताबिक 5 से 6 क्विंटल कम निकल रहा है। इस साल प्रति एकड़ 10 से 12 क्विंटल तक ही गेहूं की फसल का स्टॉक निकल रहा है, इसी द्वारन फसल में कचरा और मिट्टी के साथ गेहूं के दाने भी पतले है।
मध्यप्रदेश के अधिकांश किसानो की फसलें कट चुकी है और जिनमे से उन किसानो की फसलों में खुसी और कचरा आ रहा है, यूँ तो देखा जाये तो मौसम बार बार अपनी करवट बदल रहा है जिससे किसानो की चिंता बढ़ रही है। अब जिन किसानो की फसल खेत में खड़ी है उन्हें ज्यादा नुकसान न हो इसलिए वह गीली फसल काटना शुरू कर दिए है। वही दूसरी ओर जिनकी फसल कट चुकी है वह भी बड़े चिंतित है इसी कारण किसान जितनी जल्दी हो सके गेहूं बेचने की कोशिश कर रहे है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ओलावृष्टि और बारिश को लेकर प्रशासन ने निर्देश जारी कर दिए हैं, किसी भी जिले में किसी प्रकार का नुकसान होगा तो सरकार किसानो को उसकी क्षतिपूर्ति करने के लिए मुआवजा देगी। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम किसानो को किसी प्रकार का कष्ट नही आने देंगे गेहूं का 80% अनाज पहले से कवर्ड परिसर में है, इसी के साथ निर्देश जारी कर और जो ओपन में गेहूं है वह भी कवर्ड परिसर में सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। उन्होंने बताया की जो गेहूं की फसल आ रही थी उसकी चमक थोड़ी कमज़ोर थी इसलिए इसको खरीदने में दिक्कत थी, परन्तु अब किसान आसानी से इसे बेच सकते है।